अदरक(GINGER ) के फायदे और उसके विभिन्न उपयोग

अदरक खाद्य पदार्थ के साथ साथ औषधि  में भी उपयोग :-


                          सदियों से अदरक का उपयोग अलग अलग प्रकार से होता आ  रहा है।  अक्सर अदरक का उपयोग  हम घर की रसोई में तो करते ही है ,साथ में अदरक औषधि के रूप में भी खूब उपयोगी है।  अदरक को सूखा कर उसको सोंठ के रूप में  अथवा उसका रस निकाल कर उसका उपयोग किया जाता है।  उसके साथ उसके अर्क का  उपयोग अन्य खाद्य पदार्थो में  और कभी  कभी कॉस्मेटिक में भी किया जाता है। 
घर के रसोई में अलग अलग खाद्य सामग्री बनाने में अदरक का उपयोग होता है ,चाय से लेकर सब्जी दाल पुलाव कोई भी खाद्य सामग्री बनाने में अदरक का उपयोग होता है। 

   अदरक का स्वास्थ्य पर  असर :-

                       अदरक की सुगंध और उसका स्वाद उसमे रहे हुये कुदरती तेल में से आती है जिसे जिंजरोल के  नाम से पहचाना जाता है।  इसके साथ अदरक का स्वास्थ्य सम्बंधित बीमारियों  में भी  कई उपयोग है आइये जानते अदरक के अलग अलग लाभ ,
  • अदरक में जिंजरोल है जो एक शक्तिशाली एंटी इंफ्लामेटोरी ,एंटी ऑक्सीडेंट है जो पाचन में बहुत उपयोगी है। 
  • चक्कर या उलटी आती हो तो अदरक का एक छोटा टुकड़ा मुँह में रखकर चूसने से  आराम मिलता है। 
  • अदरक चक्कर या उलटी की  दूर करने के साथ साथ कई बार महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस रहता है  और कई बार ओप्रेसन  बाद उलटी  समस्या होती रहती है उस समय अदरक बहुत सहायक है। 
  • कैंसर  के मरीज को अदरक का सेवन  बहुत लाभकारी  है। 
  • फ्लू  बुखार  दरमियान मुँह बेस्वाद हो जाता है उस समय अदरक का रस चूसने से राहत मिलती है। 
  • अदरक के  सेवन से शरीर के  नसों के दर्द ,सूजन  में  राहत मिलती है। 
  • ऑस्टिओ आर्थराइटिस के मरीज के लिए अदरक बहुत  लाभकारी है। 
  • अदरक के सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल   रहता है और ह्रदय से सम्बंधित रोग होने की सम्भावना कम  हो जाती है। 
  • किसी भी प्रकार की अपच की समस्या को दूर करने में अदरक बहुत सहायक है। अदरक के रस का सेवन करने से किसी  प्रकार की अपच की तकलीफ दूर  जाती है। 
  • सामान्य रूप से महिलाओं में मासिकचक्र  दरमियान पेट में दुखाव होता रहता है उस समय  अदरक का पावडर लेने से आराम मिलता है 
  • अदरक का सेवन करने  मोटापा कम होता है। 
  • अदरक दिमाग को सक्रिय बनाता है  तथा अल्ज़ाइमर जैसे रोगो के सामने रक्षण करता है। 

सेहत के लिए अदरक के अनेक फायदे :

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  1. स्वास सम्बन्धी समस्या :-    
           जिन्हे स्वास सम्बन्धी  समस्या है उनके लिए अदरक बहुत  ही असरकारक  औषधि है , एंटीहिस्टामाईन गुण  होते है जो किसी भी प्रकार  एलर्जी को ठीक करने में मदद करते है ,सर्दी  जुकाम जैसी समस्या के लिए  सदियों से अदरक का इस्तेमाल  किया जा रहा है। नाक बंद  हो जाने पर या छाती में कफ जम जाने पर अदरक की चाय  पीने  से राहत मिलती है।

      2 . पाचन :-  

               अदरक के सेवन से पाचन शक्ति मजबूत होती है ,इसके अलावा गैस के कारण होने वाली  पेट  में ऐंठन  की समस्या और दस्त की समस्या से  रा हत मिलती है। 

      3 .कैंसर :- 
                           कई शोधों में यह बात भी साबित हुई है कि अदरक कैंसर से बचाने में मदद करता है। शोध में पाया गया है कि अदरक के अंदर कैंसर रोधी गुण मौजूद हैं, जो महिलाओं को स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर से बचाते हैं।  जिन्हें कैंसर की बीमारी होती है, उन्हें कीमोथैरेपी दी जाती है। कीमोथैरेपी के बाद रोगी को जी-मिचलाने की समस्या होती है। 

      4   मासिक धर्म  में राहत :-
                   
                             अदरक के औषधीय गुण मासिक धर्म में भी फायदा पहुंचाते हैं। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि अदरक मासिक धर्म से राहत दिलाने में मदद करता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो एक प्राकृतिक दर्द निवाकर का काम करते हैं। ऐसे में, मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए अदरक का इस्तेमाल किया जा सकता है। 


ASHTHAMA kya hai., asthma ke gharelu upchar

अस्थमा क्या है ?

                        
                          
                     श्वास  नली  में बलगम  जमा हो जाने के कारण स्वास  नली सख्त हो जाती है और उसमे सूजन आ जाती है जिससे श्वास लेने में जो तकलीफ होती है। उसे ही अस्थमा कहते है। 
 अस्थमा एक एलर्जेटीक बीमारी है ,जो मौसम बदलने के कारण जो धुल मिटटी उड़ती है उसमे कीटाणु होते है 
वही कीटाणु हमारे स्वास लेते समय  बॉडी  के अंदर चले जाते है और फेफड़ो में चिपक जाते है जिससे श्वासनली में सूजन आ जाती है और स्वास लेने में तकलीफ होती है।                                                   

अस्थमा के लक्षण :-

  • साँस फूलना 
  • छाती में बलगम जमा हो जाना
  • बार बार खांसी का आना 
  • खासते समय बलगम ना  निकलना 
ये सारे  बलगम के लक्षण है। 

अस्थमा से बचाव :-

 अस्थमा से बचने के लिए  सबसे पहले धुल मिटटी  या प्रदूषण वाली जगह से अपने आप  को बचाये ,धुल  बचने के लिए अपने मुँह पर मॉस या रुमाल  बांध कर रखे ,सिगरेट के धुएं से भी बचे।
  •  धुल  से बचे 
  • मुँह पर रुमाल बांध कर रखे 
  • सिगरेट के धुएं से बचे 
  • केमिकल वाले कलर से दूर रहे 
  • बॉडी स्प्रे से दूर रहे 
  • अगरबत्ती ,मच्छर भागने वाले कोइल से भी दूर रहे 
  • कोल्ड ड्रिंक्स  और फ्लेवर युक्त खाने से बचे 

अस्थमा के प्रकार :-

अस्थमा के प्रकार 
  • एलर्जिक अस्थमा ,
  • नॉनएलर्जिक अस्थमा,
  •  मिक्सड अस्थमा,
  •  एक्सरसाइज इनड्यूस अस्थमा
  •  कफ वेरिएंट अस्थमा
  •  ऑक्यूपेशनल अस्थमा 
  • नॉक्टेर्नल यानी नाइटटाइम अस्थमा

एलर्जिक अस्थमा:-

   एलर्जिक अस्थमा के दौरान आपको किसी चीज से एलर्जी है जैसे धूल-मिट्टी के संपर्क में आते ही आपको दमा हो जाता है या फिर मौसम परिवर्तन के साथ ही आप दमा के शिकार हो जाते हैं। कुत्ते बिल्ली से भी कुछ  एलर्जी होती है। 

नॉनएलर्जिक अस्थमा:-

     इस तरह के अस्थमा का कारण किसी एक चीज की मात्रा अधिक  होने पर होता है। जब आप बहुत अधिक तनाव में हो या बहुत तेज-तेज हंस रहे हो, आपको बहुत अधिक सर्दी लग गई हो या बहुत अधिक खांसी-जुकाम हो। 

 मिक्सड अस्थमा:-

         इस प्रकार का अस्थमा किसी भी  कारणों से हो सकता है। कई बार ये अस्थमा एलर्जिक कारणों से  होता  तो कई बार नॉन एलर्जिक कारणों से। इतना ही नहीं इस प्रकार के अस्थमा के होने के कारणों को पता लगाना भी थोड़ा मुश्किल होता है।
 कफ वेरिएंट अस्थमा

 एक्सरसाइज इनड्यूस अस्थमा:-

कई लोगों को एक्सरसाइज या फिर अधिक शारीरिक सक्रियता के कारण अस्थमा हो जाता है तो कई लोग जब अपनी क्षमता से अधिक काम करने लगते हैं तो वे अस्थमा के शिकार हो जाते हैं

 कफ वेरिएंट अस्थमा:-

        जब आपको लगातार कफ की शिकायत होती है या खांसी के दौरान अधिक कफ आता है तो आपको अस्थमा अटैक पड़ जाता है।

 ऑक्यूपेशनल अस्थमा :-

   ये अस्थमा अटैक अचानक काम के दौरान पड़ता है,  अपने कार्यस्थल का वातावरण सूट नहीं करता जिससे आप अस्थमा के शिकार हो जाते हैं।

नॉक्टेर्नल यानी नाइटटाइम अस्थमा:-

ये अस्थमा का ऐसा प्रकार है जो रात के समय ही होता है यानी जब आपको अकसर रात के समय अस्थमा का अटैक पड़ने लगे तो आपको समझ जाना चाहिए कि आप नॉक्टेर्नल अस्थमा के शिकार हैं।

अस्थमा से बचाव :-


  • अस्‍थमा का उपचार तभी संभव है जब आप समय रहते इसे समझ लें। 
  • अस्‍थमा के लक्षणों को जानकर इसके तुरंत निदान के लिए डॉक्‍टर के पाए जाएं।
  •  अस्‍थमा के उपचार के लिए इसकी दवाएं बहुत कारगर हो सकती हैं। 
  • अस्‍थमा से निपटने के लिए आमतौर पर इन्‍हेल्‍ड स्‍टेरॉयड (नाक के माध्‍यम से दी जाने वाली दवा) और अन्‍य एंटी इंफ्लामेटरी दवाएं अस्‍थमा के लिए जरूरी मानी जाती हैं।
  •  इसके अलावा ब्रोंकॉडायलेटर्स वायुमार्ग के चारों तरफ कसी हुई मांसपेशियों को आराम देकर अस्थमा से राहत दिलाते हैं 
  • अस्‍थमा इन्‍हेलर का भी इलाज के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसके माध्‍यम से फेफड़ों में दवाईयां पहुंचाने का काम किया जाता है।
  • धूम्रपान करने वाले व्‍यक्तियों से दूर रहें। घर को डस्‍ट फ्री बनाएं।  
  • योग के माध्‍यम से अस्‍थमा पर कंट्रोल किया जा सकता है। सूर्य नमस्‍कार, प्राणायाम, भुजंगासन जैसे योग अस्‍थमा में फायदेमंद होते हैं।
  • घर से बाहर निकलने पर मास्‍क साथ रखें। यह प्रदूषण से बचने में मदद करेगा। 
  •  सर्दी के मौसम में धुंध में जानें से बचें।
  • हमेशा गर्म या गुनगुने पानी का सेवन करें। 
  •  अस्‍थमा के मरीजों का खानपान भी बेहतर होना चाहिए। अस्‍थमा के रोगियों को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा वाली चीजों का सेवन कम से कम करना चाहिए। 
  • कोल्‍ड ड्रिंक, ठंडा पानी और ठंडी प्रकृति वाले आहारों का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • अंडे, मछली और मांस जैसी चीजें अस्‍थमा में हानिकारक होती है।  
  •  अस्‍थमा के मरीजो को आहार में हरी पत्‍तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। पालक और गाजर का रस अस्‍थमा में काफी फायदेमंद होता है।
  •  विटामिन ए, सी और ई युक्‍त खाद्य पदार्थ अस्‍थमा मरीजों के लिए लाभकारी होते हैं। एंटीऑक्‍सीडेंट युक्‍त फूड के सेवन से रक्‍त में आक्‍सीजन की मात्रा बढ़ती है।
  •  आहार में लहसुन, अदरक, हल्‍दी और काली मिर्च को जरूर शामिल करें, य‍ह अस्‍थमा से लड़ने में मदद करते हैं। 

अस्थमा के घरेलु उपचार :-

अस्थमा से निपटने के लिए हमारे  घर के रसोई में ही उपयोग में ली जाने वाली खाद्य पदार्थ से घरेलु उपचार बनाकर काफी हद तक इलाज कर सकते है। 
  • लहसुन दमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है।
  •  अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है।
  •  सुबह और शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को फायदा होता है।
  •  दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है।
  •  4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएँ और गरम-गरम पी लें। हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को निश्चित रूप से लाभ होता है।  
  • 180 मिमी पानी में मुट्ठीभर सहजन की पत्तियां मिलाकर करीब 5 मिनट तक उबालें। मिश्रण को ठंडा होने दें, उसमें चुटकीभर नमक, कालीमिर्च और नीबू रस भी मिलाया जा सकता है। इस सूप का नियमित रूप से इस्तेमाल दमा उपचार में कारगर माना गया है।
  •  अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मेथी के काढ़े और थोड़ा  शहद इस मिश्रण में मिलाएं। दमे के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाजवाब साबित होता है। 
  • मेथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें। हर रोज सुबह-शाम इस मिश्रण का सेवन करने से निश्चित लाभ मिलता है। 



best 20 tips for active health

पुरे दिन भर एक्टिव कैसे रहे ?
क्या खाये क्या न खाये ?
ऐसे बहुत सरे सवाल हमारे मन में चलते रहते है।  दोस्तों हमारा स्वास्थ्य हमारे पैसो से जयादा कीमती है। अच्छी सेहत सबसे बड़ा खजाना  है
आधुनिक जीवन शैली की तेज रफ्तार एवं भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का विषय बहुत पीछे रह गया है और नतीजा यह निकला की आज हम युवावस्था में ही ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ह्रदय रोगाष्ठं]ashthama , कोलेस्ट्रोल, मोटापा, गठिया, थायरॉइड जैसे रोगों से पीड़ित होने लगे हैं जो कि पहले प्रोढ़ावस्था एवं व्रद्धावस्था में होते थे और इसकी सबसे बड़ी वजह है खान पान और रहन सहन की गलत आदतें, आओ हम सेहत के इन् नियमों का पालन करके खुद भी स्वस्थ रहे तथा परिवार को भी स्वस्थ रखते हुए अन्य लोगों को भी अच्छे स्वास्थय के लिए जागरूक करें ताकि एक स्वस्थ एवं मजबूत समाज और देश का निर्माण हो,क्योंकि कहा भी गया है-पहला सुख निरोगी काया

     

  •  रोज खूब सारा पानी पिएं और कैलोरी फ्री चीजें खाएं। 
  •  सुबह-सुबह ब्रेकफास्ट जरूर करें। ब्रेकफास्ट न करने से कई बीमारियां होती हैं।
  •  रोज सुबह 30 मिनट व्यायाम जरूर करे। 
  • दिन भर में कुछ कुछ  थोड़ा थोड़ा  खाते रहें, खाने के बीच लंबा गेप नहीं होना चाहिए। 
  • कोशिश करें कि खाने में प्रोटीन जरूर हो। जैसे दूध ,दही छास 
  • खाने में मसालेदार चीजों को कम करें।
  •  खाने के दौरान लाल, हरे संतरी रंग की चीज जरूर लें।  जैसे गाजर, संतरा और हरी सब्जियों को शामिल करें। 
  •  वजन कम करना चाहते हैं तो खाने में नमक की मात्रा को कम करें।
  • वजन कम करना है तो रोज खाना खाने से पहले कम कैलोरी वाला वेजिटेबल सूप लेना चाहिए, इससे 20 फीसदी कम कैलोरी कम कंज्यूम होंगी और आपका पेट भरा-भरा रहेगा।
  •  कैलोरी काउंट को छोड़कर सिर्फ पोषक तत्वों के बैलेंस वाली डाइट लेनी चाहिए।
  •  खाने का रखें रिकॉर्ड, अपने रोज के खाने का रिकॉर्ड रखना चाहिए, जैसे आपने कितना खाना खाया और कितना पानी पिया। इसके लिए आप एप्प और फूड डायरी बना सकते हैं।
  •  आराम-आराम से खाना खाएं। रिसर्च की मानें तो जो लोग जल्दी खाना खाते हैं वो लोग मोटे हो जाते हैं। इसलिए आराम-आराम से खाना खाएं।
  •  समय पर करें डिनर और दिनभर में फ्रूट्स और वेजिटेबल्स जरूर खाएं।
  • दिन में डायट सोडा जैसी चीजें पीनें से बचें। 
  • खाने बनाते समय फैट का ध्यान रखें। खाने में ऑयल, बटर, चीड, क्रीम का इस्तेमाल कम से कम करें। 
  • . रात को डिनर के समय स्नैक्स खाने से बचें।
  • रात चीनी एवं नमक का अधिक मात्रा में सेवन ना करें,ये डायबिटीज,ब्लड प्रेशर,ह्रदय रोगों का कारण हैं l
    बादाम,किशमिश,अंजीर,अखरोट आदि मेवा सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं इनका सेवन अवश्य करेंके खाने में कार्बोहाइड्रेट न लें। दरअसल अगर कार्बोहाइड्रेट को सुबह-सुबह खाया जाए तो यह एक तरह से आपके शरीर के लिए इंधन का काम करता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों को रात को न लें।
  • डिनर के बाद कुछ न खाएं। इस मामले में इमानदार रहें और कोशिश करें कि रात के खाने के बाद फिर कुछ न खाएं।
  •  खाने को करें शेयर: लंच करते समय अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। ये कैलोरी चेक करने का अच्छा तरीका है। 
  • रात को पूरी नींद लें।


स्वास्थय दिनचर्या

स्वास्थ्य दिनचर्या


आज के इस भाग दौड़ के जिन्दंगी में अपने आप को समय देना मानो बहुत मुश्किल से हो गया है ,
हमारा शुद्ध देसी खाना आज  जंक  फ़ूड में बदलता जा रहा है,चाय बिस्किट खाकर लोग अपना  दिन गुजार रहे है ,
देर रात  जागना ,सुबह देर से उठना फिर जल्दी जल्दी अपने काम  और  व्यवसाय के लिए निकल जाना बस मानो ज़िन्दगी
इसी में सिमट कर रह गयी है।
  •    हमरे खानपान से होने वाली बीमारिया  :-
                     हमारे इसी दिनचर्या की वजह से हमारे स्वास्थ्य को बहुत नुकसान हो रहा है। काफी बीमारिया हमारे शरीर में आ गयी है 
 जैसे ह्रदय रोग(हार्ट अटैक),उच्च रक्तचाप ,अस्थमा ,डाइबिटीज़ ,मोटापा ,दिल  बीमारिया,किडनी ,  और औरतो में बच्चेदानी में समस्या ,
मासिक चक्र में समस्या जैसी अनेको बीमारिया आज लोगो को हो रही है।
   आज हम जानेंगे कुछ आसान टिप्स जिसे अपना कर हम कई बड़ी बीमारियों से बच सकते है हमें अपनी दिनचर्या में थोड़ा से बदलाव लाना  है
सभी अपने जीवन में खुश, तनाव से मुक्त और स्वस्थ रहना चाहते है यदि आप अपने जीवन में खुश रहना चाहते है तो पहले अपने मन को स्वस्थ बनाना होगा क्योंकि अगर मन स्वस्थ रहेगा तो ही खुश रहे सकते है और अगर आपका शरीर फिट रहेगा तो आपका मन स्वस्थ रहेगा। यहां मैं स्वस्थ रहने के कुछ तरीके बता रहा हूं जो आपको healthy रखेंगे।

स्वस्थ रहने के आसान टिप्स :-
  • प्रतिदिन प्रातःसूर्योदय से पहले उठकर दो या तीन किमी घूमने जाएँ। सूर्य आराधना से दिन का आरंभ करें। इससे एक शक्ति जागृत होगी जो दिल-दिमाग को ताजगी देगी। 
  • सुबह  उठने के तुरंत बाद हल्का गर्म  पानी पिए जिससे पेट  तुरंत साफ़ हो जायेगा 
  • प्रतिदिन सुबह सिर्फ 15 मिनट योग और व्यायाम करने की आदत डाले। 
  • भोजन से ही स्वास्थ्य बनाने का प्रयास करें। भोजन हमेशा खूब चबा-चबाकर आनंदपूर्वक करें ताकि पाचनक्रिया ठीक रहे, 
  • भारी भोजन या हजम न होने वाले भोजन का त्याग करें। हो सके  तो सप्ताह में  एक समय उपवास कर उसका संतुलन बनाएँ। 
  • भोजन में अधिक से अधिक मात्रा में फल-सब्जियों का प्रयोग करें। 
  •  धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना चाहिए। 
  • यह गलतफहमी है कि अण्डा, माँस खाने से बल मिलता  है और शराब पीने से आनंद आता है। अण्डा, माँस खाने से शरीर मोटा-तगड़ा जरूर हो सकता है पर कुछ बीमारियाँ भी इसी से पैदा होती हैं। शराब पीने से आनंद नहीं आता, बेहोशी आती है और बीमारियाँ होती हैं।
  • रोज 8 से 10 गिलास  हल्का गर्म पानी पिए 
  • ठंडे पेय पदार्थो से बचे ,आइसक्रीम ,कोल्डड्रिंक्स इन सबका त्याग करे। 
  • प्रति दिन रात को 7 से 8 घंटे की नींद जरूर ले  जिससे हमारा मन फ्रेश रहेगा। 
  • घर के कार्यों को स्वयं करें- यह कार्य अनेक व्यायाम का फल देते हैं। 
  • सुबह एवं शाम को मंजन जरूर करे ताक़ि आपके दांत स्वच्छ रह सके। 
  •  जब भी आपका मन घबराये किसी भी बात को लेकर तो एक लम्बी सांस ले और धीरे धीरे छोड़े इससे आपका मन शांत हो जायेगा।